पशुपालन विभाग की प्रशासनिक व्यवस्था
पशुपालन विभाग के विकास के लिये विभागीय मंत्री एवं सचिव सर्वोच्च उत्तारदायी सर्वाधिकारी है। प्रधान सचिव में सारी प्रशासनिक शक्तियाँ निहित है। सरकार के निदेशों एवं नितियों को सफलता पूर्वक संचालित करने के लिए उत्तरदायी है। सचिव के सहयोग के लिये संयुक्त सचिव, उप सचिव एवं अवर सचिव का पद सृजित है। विभाग का समस्त प्रभार निदेशक पशुपालन को है। निदेशक, विभाग के प्रशासनिक, वित्तिाय एवं तकनिकी प्रधान है। सभी प्रकार के तकनिकी विषयों में ये सरकार के जिम्मेवार सलाहकार भी है। निदेशक के उत्तरदायित्वों के निर्वहन में समुचित सहयोग एवं अपेक्षित सहायता प्रदान करने के लिये निदेशालय एवं क्षेत्रिाय स्तर पर अनेक पदाधिकारी एवं विषय विशेषज्ञ पदाधिकारी पदस्थापित है, जो निदेशक पशुपालन के अधीन इनके द्वारा सुपुर्द किये गये कार्यों का सम्पादन एवं उत्तरदायित्वों का निर्वहन राज्य सरकार एवं विभाग द्वारा निर्धारित नीतियों एवं नियमों के अन्तर्गत करते हैं।
निदेशक के सहयोग के लिये निदेशालय स्तर पर अपर निदेशक (पशु उत्पादन), संयुक्त निदेशक (पशु स्वास्थ्य), संयुक्त निदेशक (मु0), संयुक्त निदेशक (सांख्यिकी), उप निदेशक (मु0), उप निदेशक (सूकर विकास), विशेष उप निदेशक सांख्यिकी, उपाधीक्षक पशुगणना एवं सहायक निदेशक (सांख्यिकी) का पद सृजित है। निदेशालय स्तर पर विभागीय कार्यो के निष्पादन, पर्यवेक्षण, प्रशासन एवं कार्यान्वयन हेतु निदेशालय में 11 प्रशाखायें कार्यरत है जो निम्न प्रकार है-
निदेशालय में कार्यरत शाखाओं का कार्य निम्न प्रकार है- शाखा-1 - राजपत्रिात स्थापना शाखा-2 - अराजपत्रिात स्थापना शाखा-3 - निगरानी एवं गोपनीय शाखा-4 - योजना एवं कर किराया शाखा-5 - विविध शाखा-6 - पेंशन, भविष्य निधि एवं अग्रिम शाखा-7 - बजट एवं क्रय शाखा-8 - लेखा शाखा-9 - अंकेक्षण एवं आपदा शाखा-10 - विधि शाखा-11 - टंकणBihar became the first state in India to have separate web page for every city and village in the state on its website www.brandbihar.com (Now www.brandbharat.com)
See the record in Limca Book of Records 2012 on Page No. 217