बिहार के ऐतिहासिक स्त्रोत में लौकिक साहित्य का महत्वपूर्ण योगदान है ।
सिन्ध तथा नेपाल में कई इतिवृतियाँ प्राप्त हुई हैं ।
चचनामा नामक इतिवृतियों में सिन्धु विजय का वृतान्त प्राप्त होता है । इसमें नेपाल की वंशावलियों का नामोल्लेख मिलता है ।
गार्गी संहिता से ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी मिलती हैं जिसमें भारत पर होने वाले यवन आक्रमणों का उल्लेख प्राप्त होते हैं ।
इस ग्रन्थ यवनों के साकेत, पंचाल, मथुरा तथा कुसुमध्वज पर आक्रमण का उल्लेख प्राप्त होता है ।
मुद्राराक्षस से चन्द्रगुप्त मौर्य के विषय में जानकारी प्राप्त होती है ।
कालिदास कृत मालविकाग्निमित्रम् में शुंगकालीन राजनीतिक परिस्थितियों का विवरण है ।
ऐतिहासिक जीवनियों में अश्व्घोष कृत बहुचरित, वाणभट्ट का हर्षचरित, वाक्यपति का गोडवहो, विल्हण का विक्रमांगदेव चरित, पद्यगुप्त का नव साहसांहत्र चरित, संध्याकार नंदी कृत रामचरित, हेमचन्द्र कृत कुमार चरित, जयनक कृत पृथ्वीराज विजय आदि का विशेष रूप से उल्लेख किया जा सकता है ।
हर्षचरित से सम्राट हर्षवर्धन के जीवन तथा तत्कालीन समाज एवं धर्म विषयक अनेक महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है ।
गौडवहो में कन्नौमज नरेश यशोवर्मन के गोंड नरेश के ऊपर किये गये आक्रमण एवं वध का विवरण मिलता है
Bihar became the first state in India to have separate web page for every city and village in the state on its website www.brandbihar.com (Now www.brandbharat.com)
See the record in Limca Book of Records 2012 on Page No. 217