बिहार के मध्यकालीन इतिहास की जानकारी हेतु अभिलेख, स्मारक, सिक्केक, चित्र और अनेक प्राचीन ऐतिहासिक वस्तुएँ उपलब्ध हैं । विविध स्त्रोतों में जिला गजेटियर, लैण्ड सर्वे एवं सेटलमेण्ट रिपोर्ट आदि प्रमुख हैं ।
प्रशासनिक महत्व के पत्रों के संकलन विशेषकर फोर्ट विलियम इण्डिया हाउस कॉरेस्पोंडेंस सीरीज, फ्रांसिस बुचानन द्वारा संकलित वृहत रिपोर्ट्सं, राष्ट्रीय एवं राजकीय अभिलेखाकार में सुरक्षित सरकारी संचिकाएँ एवं अन्य कागजात भी इन सन्दर्भ में उपयोगी हैं ।
बिहार से प्रकाशित होने वाले समाचार-पत्र, पत्रिकाएँ, विभिन्नक भाषाओं की साहित्यिक कृतियाँ भी अनेक महत्वपूर्ण जानकारी देने में सहायक हैं ।
स्वयंसेवी संस्थाओं, शैक्षिक केन्द्रों और अन्य संस्थाओं के कागजात भी ऐतिहासिक स्त्रोत हैं ।
इनके साथ-साथ निजी पत्रों, चिट्ठियों, डायरियाँ, संस्मरणों आदि भी प्रमुख स्त्रोत हैं ।
इस प्रकार विविध स्रोतों में राजकाज की बहियाँ, खाते पट्टे, फरमान, सनद, फाइलें, राजकीय दस्तावेज, विभिन्नँ भाषाओं में रचित पत्र-पत्रिकाएँ व अन्य कागजात प्रमुख हैं ।
मुद्राएँ- प्राचीन ऐतिहासिक स्त्रोत में सिक्केो प्रमुख स्त्रोत हैं, जिसकी प्राचीनता ८वीं शती ई.पू. तक मानी जाती है ।
आहत सिक्केव सबसे प्राचीनतम सिक्के् कहे जाते हैं जिन्हें साहित्य में कोषार्पण भी कहा गया है । बिहार के अनेक स्थानों से खुदाई में सिक्केप मिले हैं, जिनसे बिहार के इतिहास की जानकारी मिलती है ।
स्मारक- ऐतिहासिक स्त्रोतों में स्मारक भी एक महत्वपूर्ण स्त्रोत हैं । इनके अन्तर्गत प्राचीन इमारतें, मन्दिर, मूर्तियाँ, विहार, स्तूप आदि आते हैं ।
ये सभी स्मारक विभिन्नर युगों की सामाजिक, धार्मिक तथा आर्थिक परिस्थितियों का विवरण देते हैं ।
मन्दिर, विहारों व स्तूपों से जनता की आध्यात्मिकता व धर्मनिष्ठता का पता चलता है ।
खुदाई से बिहार के प्रमुख स्थलों का विवरण प्राप्त किया गया है जिसमें पाटलिपुत्र, राजगृह, नालन्दा, वैशाली, विक्रमशिला, ओदंतपुरी आदि हैं ।
नालन्दा स्थित बुद्ध की ताम्रमूर्ति, पटना से प्राप्त यक्ष-यक्षिणी की मूर्ति हिन्दू कला और सभ्यता के विकसित होने का प्रमाण है ।
बिहार में स्थित ऐतिहासिक स्थलों व स्मारकों की प्रचुरता इस बात की साक्षी है कि राजव्यवस्था, शिक्षा, शासन, सभ्यता व संस्कृति आदि विश्वी स्तरीय केन्द्र थे ।
Bihar became the first state in India to have separate web page for every city and village in the state on its website www.brandbihar.com (Now www.brandbharat.com)
See the record in Limca Book of Records 2012 on Page No. 217