Home Page

States of India

Hindi Literature

Religion in India

Articles

Art and Culture

 

हिन्दी के कवि

पुष्पदंत (पुष्यदंत)

(रचनाकाल 959-973)

पुष्पदंत का जन्म दिल्ली के पास एक ब्राह्मण कुल में हुआ था। इनके माता-पिता ने जैन धर्म ग्रहण कर लिया था। इन्होंने मान्यखेट के राष्ट्रकूट राजा कृष्ण तृतीय (938-968 ई.) के मंत्री भरत के आश्रय में काव्य रचना की।

इनकी प्रसिध्द रचना 'महापुराण को जैन उसी आदर से देखते हैं, जैसे ब्राह्मण मतावलंबी महाभारत को। इसमें रामकथा का विस्तार है। पुष्पदंत की अन्य दो रचनाएँ हैं, 'जसहर चरिय (यशोधर चरित) तथा 'णायकुमार चरिय (नागकुमार चरित)। पुष्पदंत को अपभ्रंश का कालिदास मानते हैं।

संध्या वर्णन

अस्तमे दिनेश्वरे जिमि शकुना। तिमि पंथिक ठिउ माणिक शकुना।
जिमि फुरियेऊ दीपक-दीप्तियऊ।
जिमि संध्या-राजे रंजियऊ। तिमि वेशा-रागे रंजियऊ।
जिमि भुवनल्लउ संतापियऊ। तिमि चक्रुल्लौ संतापियऊ।
जिमि दिशि-दिशि तिमिरहिं मिलियाइँ। तिमि विरहिनि-बदनइँ मुकुलिताइँ।
जिमि घरह कपाटउ दिन्नाइँ। तिमि बल्लभ सम्पति दिन्नाइँ।
जिमि चंदेहिं निज-कर-प्रसर कियेउ। तिमि पिय केशहि कर-प्रसार कियेउ।

सूर्य के अस्त हो जाने पर पक्षी घोंसलों में आ गए, उधर पथिक ठहर गया। इधर दीपकों का प्रकाश प्रस्फुटित हुआ, उधर स्त्रियों के अलंकार चमक उठे। इधर संध्या राग-रंजित हुई, उधर वेश्या राग से अनुरंजित हो उठी। इधर राजा का संताप बढा, उधर चकई चकवा का संताप बढा।

इधर अंधकार व्याप्त होने लगा, उधर जार सर्वत्र मिलने लगे। इधर रात में कमल संकुचित होने लगे, उधर विरहिणी का मुख मुरझाने लगा। इधर घरों के किवाड लगे, उधर वल्लभ आलिंगन करने लगा। इधर चंद्रमा ने अपनी किरणों का प्रसार किया, उधर प्रिय के केशों में हाथ खेलने लगे।

 

National Record 2012

Most comprehensive state website
Bihar-in-limca-book-of-records

Bihar became the first state in India to have separate web page for every city and village in the state on its website www.brandbihar.com (Now www.brandbharat.com)

See the record in Limca Book of Records 2012 on Page No. 217