एक आदमी ने अपनी स्त्री को मार डाला। परिचितों ने कहा, ‘‘अरे दुष्ट! तूने अपनी स्त्री को मार डाला और उसकी सेवा को भूल गया। हाय-हाय, अभागे! भला बता तो सही, स्त्री-हत्या का पाप किसी भी जन्म में धो सकेगा? बात क्या थी और उसने क्या अपराध किया था?’’
वह बोला, ‘‘उसने वह किया कि जिसमें उसकी बदनामी थी और मैंने उसको इसलिए मार डाला कि मिट्टी उसके दोषों को छिपा लेगी। उसका एक आदमी से अनुचित संबंध था इसलिए मैंने उसको मार डाला और खून में लिथड़ी हुई उसकी लाश को कब्र की मिट्टी में छिपा दिया।’’
उस आदमी ने कहा, ‘‘ऐसा लज्जाशील था तो उस दुराचारी आदमी को क्यों नहीं मार डाला?’’
उसने जवाब दिया, ‘‘फिर तो प्रतिदिन एक मनुष्य का वध करना पड़ता। बस उसको मारकर मैं रोज-रोज के रक्तपात से बच गया। उस अकेली का गला काटना बहुत से लोगों के गले काटने से अच्छा था।’’
[मन उस दुराचारिणी स्त्री के समान है, जिससे सारा वातावरण दूषित हो रहा है। अत: उसको मारना चाहिए, अर्थात् वश में करना चाहिए, क्योंकि इस दुष्ट के कारण हर घड़ी किसी न किसीसे लड़ाई होने का अंदेशा है। मन की वासनाओं के कारण यह सुखमय संसार दु:खदायी बना हुआ है। यदि मन और इन्द्रियों को वश में कर लिया जाये तो दु:ख और सुख पास न आयें और सारा संसार मित्र बनकर रहे।]
Bihar became the first state in India to have separate web page for every city and village in the state on its website www.brandbihar.com (Now www.brandbharat.com)
See the record in Limca Book of Records 2012 on Page No. 217