चेहरा उदास क्यूँ है इस शबनमी शाम में
अश्क सूखे क्यूँ है इस शबनमी शाम में
तुम जा रहे हो तो दिल विदा क्यूँ नहीं देता
दिल भरा हुआ क्यूँ है इस शबनमी शाम में
तुम्हारी आहट क्यूँ सुनता हूं इस तन्हाई में
दिल मताए कूचा क्यूँ है इस शबनमी शाम में
कीमत खो चुके हैं अपनी हीं निगाह में
दिल भरा हुआ क्यूँ है इस शबनमी शाम में
लव शान्त क्यूँ है इस शबनमी शाम में
आईना दिख गया है अपनी हीं निगाह में
अपने प्यार को किस तरह तुम्हारा नाम दें
दिल भरा हुआ क्यूँ है इस शबनमी शाम में