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जब तक तुझे याद न करूँ
सौरभ कुमार
(Copyright © Saurabh Kumar)
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जब तक तुझे याद न करूँ
प्रभु जब तक तुझे याद न करूँ
आँखें सजल ज्योति नहीं होती
और काजल की परत मोटी नहीं लगती।
जब कभी तेरा वियोग करता
है उद्वेलित और हो जाती
हैं आँखें सजल तब काजल
भी आयतन बढ़ा अपना पता देता है,
वह हृदय में कितना गहरा बैठा है।
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