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मृत्यु-निद्रा-हृदयाघात
सौरभ कुमार
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मृत्यु-निद्रा-हृदयाघात
25-05-2005, सुनील दत्त की मृत्यु नींद में हृदयाघात से हुई।
विज्ञान के लिहाज से मृत्यु हृदयाघात से हुई। परंतु अगर परंपरा की दृष्टि से देखें तो मृत्यु निद्रा में प्राण निकलने की वजह से हुई। मृत्यु शांतिपूर्ण, कष्टरहित हुई। मृत्यु निश्चित है। निमित्त कुछ न कुछ होता है। सुनील दत्त जैसे व्यक्ति के लिए मृत्यु का शांत होना आश्चर्यजनक नहीं है। प्राण कष्ट से निकले यह क्यूँ जरूरी है?
विज्ञान जहाँ हृदयाघात से प्राण का निकलना देखेगा वहीं परंपरा इसे प्राण निकलने से हृदयाघात देखेगी।
अलग परिप्रेक्ष्य में देखने से अंतर नहीं है। परंतु सत्य दर्शन के लिए बीच का रास्ता नहीं होता। आप एक इधर-एक उधर नहीं कर सकते। मृत्यु कष्टप्रद हो तो निद्रा में रहना संभव है क्या?
सत्य संदेह से रहित होना है।
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