पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र। पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण शक्ति के साथ पृथ्वी का चुंबकीय शक्ति भी महत्वपूर्ण है। पृथ्वी के गर्भ में तरल लोहा खौल रहा है। तरल लोहा चुंबकीय शक्ति पैदा करता है।
चुंबकीय क्षेत्र पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव से चल कर दक्षिणी ध्रुव की तरफ से निकलता है और उत्तरी ध्रुव पर पहुँचता है। यह आवरण अंतरिक्ष के विकिरण से पृथ्वी की रक्षा करता है। पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र कमजोर पड़ रहा है। कंपास उत्तर दिशा को इंगित करता है। चुंबकीय उत्तर और भौगोलिक उत्तर में अंतर हुआ करता है। यह चुंबकीय क्षेत्र और प्रवाह पर निर्भर करता है। चुंबकीय क्षेत्र उत्तर से दक्षिण तथा दक्षिण से उत्तर में बदला करता है।
आज से 6.80 लाख साल पहले पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र बदल गया था। उसके 2 लाख साल पूर्व भी पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र बदला था। उससे पहले भी बदला था। विज्ञान के अनुसार अब पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र बदलने का समय आ गया है। चुंबकीय शक्ति कमजोर पड़ने पर दो ध्रुव के मुकाबले 5 ध्रुव बन सकते है। पृथ्वी पर विकिरण का खतरा बढ़ जायेगा।