श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
सौरभ कुमार
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श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ हे कृष्ण हे बनवारी तू हीं बाँके बिहारी तू हीं कृष्ण मुरारी हे नाथ हे कृष्ण हे गिरधारी राखो लाज हमारी मैं आई हूँ शरण तिहारी सुन ले विनती हमारी हे चक्रधारी क्षमहूँ चूक हमारी हे नाथ हे कृष्ण तू हीं नारायण हरि