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तुझे क्या बताऊँ ऐ दिल
सौरभ कुमार
(Copyright © Saurabh Kumar)
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तुझे क्या बताऊँ ऐ दिल
तुझे क्या बताऊँ ऐ दिल
दिल क्या चाहता है
चाहना छोड़ नहीं सकता
परंतु इसे चाहत तो नहीं
कहा जाता।
दिल जानता है 'मैं' क्या हूँ
परंतु आग पर राख डाल
शांति कहाँ तक है स्थिर
क्या जमी आग पर मार फूँक
कह डालूँ
'बुद्धं शरणं गच्छामि'।
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