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सूरदास

व्रज--प्रवेश--शोभा

राग धनाश्री

जननि मथति दधि, दुहत कन्हाई |
सखा परस्पर कहत स्याम सौं, हमहू सौं तुम करत चँड़ाई ||
दुहन देह कछु दिन अरु मोकौं, तब करिहौ मो सम सरि आई |
जब लौं एक दुहौगे तब लौं, चारि दुहौंगो नंद-दुहाई ||
झूठहिं करत दुहाई प्रातहिं, देखहिंगे तुम्हरी अधिकाई |
सूर स्याम कह्यौ काल्हि दुहैंगे, हमहूँ तुम मिलि होड़ लगाई ||

भावार्थ :-- माता दही मथ रही है और कन्हाई गाय दुह रहे हैं | सखा श्यामसे परस्पर
कहते हैं-`तुम हमसे भी अधिक उतावली (शीघ्र दोहन) करते हो ?' (मोहन बोले-)
`अभी कुछ दिन मुझे और दुह लेने दो (मेरे हाथ अभ्यस्त हो जाने दो), तब आकर मेरी
बराबरी करना | बाबा नन्दकी शपथ ! जबतक तुम एक गाय दुहोगे, तबतक मैं चार दुह दूँगा |
(सखा बोले -) `सबेरे -सबेरे झूठी शपथ खा रहे हो, तुम्हारी अधिकता (शीघ्रगति) हम
देखेंगे|'सूरदासजी कहते हैं-श्यामसुन्दरने कहा--`अच्छा, कल हम और तुम दोनों होड़
लगाकर दुहेंगे | (देखें कौन दुहता है |)'

National Record 2012

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Bihar became the first state in India to have separate web page for every city and village in the state on its website www.brandbihar.com (Now www.brandbharat.com)

See the record in Limca Book of Records 2012 on Page No. 217