मुंशी प्रेमचंद - गोदान

premchand godan,premchand,best novel in hindi, best literature, sarveshreshth story

गोदान

भाग-14

पेज-134

होरी ने उसकी ओर विस्मय-भरी आँखों से देखा, मानो अपने कानों पर विश्वास न आया हो। फिर हतबुद्धि-सा सिर झुका कर रह गया। भोला क्या उसे भिखारी बना कर छोड़ देना चाहते हैं? दोनों बैल चले गए, तब तो उसके दोनों हाथ ही कट जाएँगे।

दीन स्वर में बोला - दोनों बैल ले लोगे, तो मेरा सर्वनास हो जायगा। अगर तुम्हारा धरम यही कहता है, तो खोल ले जाओ।

'तुम्हारे बनने-बिगड़ने की मुझे परवा नहीं है। मुझे अपने रुपए चाहिए।'

और जो मैं कह दूँ, मैंने रुपए दे दिए?'

भोला सन्नाटे में आ गया। उसे अपने कानों पर विश्वास न आया। होरी इतनी बड़ी बेइमानी कर सकता है, यह संभव नहीं।

उग्र हो कर बोला - अगर तुम हाथ में गंगाजली ले कर कह दो कि मैंने रुपए दे दिए, तो सबर कर लूँगा।

'कहने का मन तो चाहता है, मरता क्या न करता, लेकिन कहूँगा नहीं।'

'तुम कह ही नहीं सकते।'

'हाँ भैया, मैं नहीं कह सकता। हँसी कर रहा था।'

एक क्षण तक वह दुविधा में पड़ा रहा। फिर बोला - तुम मुझसे इतना बैर क्यों पाल रहे हो भोला भाई! झुनिया मेरे घर में आ गई, तो मुझे कौन-सा सरग मिल गया? लड़का अलग हाथ से गया, दो सौ रूपया डाँड़ अलग भरना पड़ा। मैं तो कहीं का न रहा और अब तुम भी मेरी जड़ खोद रहे हो। भगवान जानते हैं, मुझे बिलकुल न मालूम था कि लौंडा क्या कर रहा है। मैं तो समझता था, गाना सुनने जाता होगा। मुझे तो उस दिन पता चला, जब आधी रात को झुनिया घर में आ गई। उस बखत मैं घर में न रखता, तो सोचो, कहाँ जाती? किसकी हो कर रहती?

झुनिया बरौठे के द्वार पर छिपी खड़ी यह बातें सुन रही थी। बाप को अब वह बाप नहीं शत्रु समझती थी। डरी, कहीं होरी बैलों को दे न दें। जा कर रूपा से बोली - अम्माँ को जल्दी से बुला ला। कहना, बड़ा काम है, बिलम न करो।

धनिया खेत में गोबर फेंकने गई थी, बहू का संदेश सुना, तो आ कर बोली - काहे बुलाया है बहू, मैं तो घबड़ा गई।

'काका को तुमने देखा है न?'

'हाँ देखा, कसाई की तरह द्वार पर बैठा हुआ है। मैं तो बोली भी नहीं।'

'हमारे दोनों बैल माँग रहे हैं, दादा से।'

धनिया के पेट की आँतें भीतर सिमट गईं।

'दोनों बैल माँग रहे हैं?'

'हाँ, कहते हैं या तो हमारे रुपए दो, या हम दोनों बैल खोल ले जाएँगे।'

 

 

पिछला पृष्ठ गोदान अगला पृष्ठ
प्रेमचंद साहित्य का मुख्यपृष्ट हिन्दी साहित्य का मुख्यपृष्ट

 

 

Kamasutra in Hindi

top