राग सोरठ
(तेरैं) भुजनि बहुत बल होइ कन्हैया |
बार-बार भुज देखि तनक-से, कहति जसोदा मैया ||
स्याम कहत नहिं भुजा पिरानी, ग्वालनि कियौ सहैया |
लकुटिनि टेकि सबनि मिलि राख्यौ, अरु बाबा नँदरैया ||
मोसौं क्यौं रहतौ गोबरधन, अतिहिं बड़ौ वह भारी |
सूर स्याम यह कहि परबोध्यौ चकित देखि महतारी ||
मैया यशोदाजी बार-बार छोटी सी भुजा देककर कहती हैं-`कन्हाई! तेरी भुजामें बहुत
बल हो |' श्यामसुन्दर कहते हैं-`गोपोंने (पर्वत उठानेमें मेरी सहायता की, इससे मेरा
हाथ दुखा नहीं | सबने और नन्द बाबाने भी मिलकर लाठियोंके सहारे उसे रोक रखा |
नहीं तो भला, वह गोवर्धन मुझसे कैसे रोके रुकता, वह तो बड़ा और भारी है |' सूरदासजी
कहते हैं कि माताको चकित देखकर श्यामसुन्दरने यह कहकर आश्वासन दिया |
Bihar became the first state in India to have separate web page for every city and village in the state on its website www.brandbihar.com (Now www.brandbharat.com)
See the record in Limca Book of Records 2012 on Page No. 217