परिशिष्ट (ख) अंतर्कथाएँ
बकासुर
बक, बका बगले के रूप में कृष्ण को निगलकर मारने के लिए आया एक असुर, जिसने गोचारण
के समय अपनी तीक्ष्ण चोंच से पकड़कर कृष्ण को निगल लिया, परंतु तालू जलने के कारण
उन्हें उगलना पड़ा | कृष्ण ने उसकी चोंच को विदीर्ण कर उसे मार डाला |
बरुन-फाँस (वरुण-पाश)
एकादशी व्रत के बाद एक बार नंद आसुरी वेला में ही यमुना-स्नान करने चले गए | इस पर
जल-देवता वरुण का किंकर उन्हें वरुण के पास ले गया | श्रीकृष्ण को जब यह मालूम हुआ
तो वे स्वयं वरुणालय जाकर पिता को पाश से छुड़ा लाए |
बलि
एक दानशील तपस्वी और पुण्यात्मा दैत्यराज जो प्रहलाद के पौत्र और विरोचन के पुत्र
थे | अपने पुण्यबल से ये इंद्र का पद लेने ही वाले थे कि इन्द्र की प्रार्थना पर
भगवान् विष्णु ने बटुक वामन का रूप धारण करके समस्त भूमंडल और स्वर्ग को दो पदों
से तथा स्वयं बलि के शरीर को तीसरे पद से नाप लिया | अंत में भगवान ने प्रहलाद की
अनुनय-विनय तथा बलि के पुण्यकृत्यों से प्रसन्न होकर उन्हें रोग-जरा मृत्युहीन सुतल
में रहने का तथा इंद्र पद प्राप्ति का वरदान दिया |
बसुद्यौ
बसुदेव -श्रीकृष्ण-बलराम के पिता |
वासुदेव भागवत धर्म के आदि देव जो प्रारम्भ में वृष्णिवंशीय सत्त्वतों के पूज्य
थे | `हरिवंश' तथा पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण ही असली और द्वितीय वासुदेव हुए |
स्वयं श्रीकृष्ण ने अन्य राजाओं (श्रृगाल, पौंड्रक) के मिथ्या वासुदेवत्व को सिद्ध
करके इसे प्रमाणित किया था | वसुदेव के पुत्र होने के कारण भी श्रीकृष्ण वासुदेव
कहलाते हैं
|
Bihar became the first state in India to have separate web page for every city and village in the state on its website www.brandbihar.com (Now www.brandbharat.com)
See the record in Limca Book of Records 2012 on Page No. 217