परिशिष्ट (ख) अंतर्कथाएँ
भृगु
एक ऋषि, जो शिव के पुत्र कहे गए हैं | एक बार यह जानने के लिए कि त्रिदेव में सबसे
बड़ा कौन है, इन्होंने तीनों का अपमान किया | ब्रह्मा और महेश तो क्रुद्ध हो गये;
परन्तु जब उन्होंने विष्णु को लात मारकर सोते से जगाया, तब उन्होंने क्रोध करने के
बजाय इनसे पूछा कि आप के पैर में चोट तो नहीं लगी तथा उनके पद-चिह्न को सदैव
अपने बक्ष पर धारण किया |
भृगु-पद
विष्णु भगवान के वक्ष-स्थल पर स्थायी रूप से स्थापित भुगु-ऋरी का पद-चिह्न |
मुचुकंद
अयोध्या का एक प्राचीन राजा, मांधाता का पुत्र, जो देवासुर-संग्राम में देवों की ओर
से लड़ते-लड़ते थककर हिमालय की एक गुफा में सो गया था | कालयवन द्वारा खदेड़े जाकर
श्रीकृष्ण जब गुफा में पहुँचे तो उन्होंने अपना पीतांबर उसे ओढ़ा दिया | पीछे से
कालयवन ने आकर उसी को कृष्ण समझा और उस पर आक्रमण किया | मुचुकन्द के
नेत्र खोलते ही कालयवन भस्म हो गया |
मुष्टिक
कंस का एक असुर मल्ल जिसे धनुष-यज्ञ पर आयोजित मल्लक्रीड़ा में बलराम ने मारा था |
दूसरे मल्ल, चाणूर को कृष्ण ने मारा था |
रंभा
एक अति रूपवती अफसरा, चौदह रत्नों में से एक, जो इंद्र-सभा की शोभा बढ़ाती है |
रजक
धोबी, यहाँ कंस का विशिष्ट धोबी, जिसे मथुरा में प्रवेश करते समय कृष्ण ने
धुले कपड़े ले जाते देखा और मांगने पर कपड़े देना अस्वीकार करने के कारण एक तमाचे
के प्रहार से मार डाला |
Bihar became the first state in India to have separate web page for every city and village in the state on its website www.brandbihar.com (Now www.brandbharat.com)
See the record in Limca Book of Records 2012 on Page No. 217