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'साहब मर गया जयंतराम ने बाजार से लाए हुए सौदे के साथ यह खबर लाकर दी।
'साहब- कौन साहब?
'वह कांटरिया साहब था न?
'वह काना साहब- जैक्सन। च-च-बेचारा।
मैंने खिडकी में से झांक कर देखा। काई लगी पुरानी जगह- जगह से खोडी हैंसी की तरह गिरती हुई दीवार के इस पार उधडे हुए सीमेंट के चबूतरे पर सक्खू भाई पैर पसारे मराठी भाषा में बौन कर रही थी। उसके पास पीटू उकडू बैठा हिचकियों से रो रहा था। पीटू यानी पीटर, काले-गोरे मेल का नायाब नमूना था। उसकी आंखें जैक्सन साहब की तरह नीली और बाल भूरे थे। रंग गेहूंआ था, जो धूप में जलकर बिल्कुल तांबे जैसा हो गया था। इसी खिडकी में से मैं बरसों से इस अजीबोगरीब खान्दान को देखती आई ं। यहीं बैठकर मेरी जैक्सन से पहली मरतबा बातचीत शुरू हुई थी।
'सन बयालीस का 'हिन्दुस्तान छोड दो का हंगामा जोरों पर था। ग्रांट रोड से दादर तक का सफर मुल्क की बेचैनी का एक मुख्तसर मगर जान्दार नमूना साबित हुआ था। मैगन रोड के नाके पर एक बडा भारी-सा अलाव जल रहा था। जिसमें राह चलतों की टाइयां, हैट और कभी मूड आ जाता तो पतलूनें उतार कर जलाई जा रही थीं। सीन कुछ बचकाना सही, मगर दिलचस्प था। लच्छेदार टाइयां, नई तर्ज के हैट, इस्त्री की हुई पतलूनें, बडी बेदर्दी से आग में झोंकी जा रही थीं। फटे हुए चीथडे पहने आतिशबाज नए-नए कपडों को निहायत बेतकल्लुफी से आग में झोंक रहे थे। एक क्षण को भी तो किसी के दिल में यह खयाल नहीं आ रहा था कि नई गैरीडीन की पतलून को आग के मुंह में झोंकने के बजाय अपनी नंगी स्याह टांगों में ही चढा ले, इतने में मिलेट्री की ट्रक आ गई थी, जिसमें से लाल भभूका थूथनियों वाले गोरे, हाथों में मशीनगन संभाले धमाधम कूदने लगे। मजमा एकदम फुर से न जाने कहां उड गया था। मैंने यह तमाशा म्युनिस्पिल दफ्तर के सुरक्षित हाते से देखा था और मशीनगनें देखकर मैं जल्दी से अपने दफ्तर में घुस गई थी।
Bihar became the first state in India to have separate web page for every city and village in the state on its website www.brandbihar.com (Now www.brandbharat.com)
See the record in Limca Book of Records 2012 on Page No. 217