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'कैसी तबीयत है साहब
उत्सुकता ने उक्साया तो मैंने पूछा।
'अच्छा है- अच्छा है। वह मुस्कुरा कर शुक्रिया अदा करने लगा।
मैंने बाहर जाकर इधर-उधर की बातें शुरू कीं। जल्दी ही वह मुझसे बातें करने में बेतकल्लुफी महसूस करने लगा। फिर एक दिन मैंने मौका पाकर कुरेदना शुरू किया। कई दिन की कोशिशों के बाद मुझे मालूम हुआ कि वह एक शरीफजादी का नाजायज बेटा था। उसके नाना ने एक किसान को कुछ रुपए दे दिलाकर उसे पालने-पोसने को राजी कर लिया। मगर यह मामला इस सफाई से किया गया कि उस किसान को भी पता न चल सका कि वह किस खान्दान का है। किसान बडा कुटिल था। उसके कई बेटे थे, जो जैक्सन को तरह-तरह से सताया करते थे। रोज पिटाई होती थी, मगर खाने को अच्छा मिलता था। उसने बारह तेरह बरस की उम्र से भागने की कोशिशें आरंभ की। तीन-चार साल की लगातार कोशिशों के बाद वह लुढकता-पुढकता धक्के खाता लन्दन पहुंचा। वहां उसने कई पेशे बारी इख्तियार किए, मगर इस अर्से में वह इतना ढीट, मक्कार और स्वच्छंद हो गया था कि दो दिन से ज्यादा कोई नौकरी न रहती।
वह शक्ल-सूरत से रोबीला और खूबसूरत था इस वजह से लडकियों में काफी लोकप्रिय था। डार्थी उसकी बीवी नकचढे खान्दान की लडकी थी। उलार और ओछी भी। उसका बाप ऊंची पहुंच वाला शख्स था। जैक्सन ने सोचा इस खानाबदोशी की जिन्दगी में बडे झंझट हैं। आए दिन पुलिस और कचहरी से वास्ता पडता है। क्यों न डार्थी से शादी करके जिन्दगी संवार ली जाए। डार्थी उसके बस के बाहर थी, उसकी पहुंच से दूर थी। वह ऊंची सोसाइटी में उठने-बैठने की आदी थी। उस वक्त जैक्सन की दोनों आंखें असली थीं। यह तो जब वह डार्थी से लडकर शराबखानों का हो रहा। वहां किसी से मारपीट में एक आंख जाती रही। तब तक उसकी सिर्फ बडी बेटी पैदा हुई थी।
Bihar became the first state in India to have separate web page for every city and village in the state on its website www.brandbihar.com (Now www.brandbharat.com)
See the record in Limca Book of Records 2012 on Page No. 217